प्रोपिकोनाजोल एक प्रणालीगत कवकनाशी है इसे धान की बाली मे काला लाल धब्बा के रोकथाम लिए डाल सकते है। यह धान के खेत मे हल्दी गाँठी रोग से बचाता है हल्दी गाँठी रोग के कारण धान के फसल पर पीले धब्बे की तरह कुछ चिपका रहता है । यह एक सिस्टमैटिक फंगीसाइड है जो कि पौधे केे पत्तों पर स्प्रे करनेेे के बाद पौधे द्वारा अवशोषित कर लिया जाताा है और सिस्टमैटिक तरीके से पौधे को बीमारियों से बचाता है |
इसकी गेहूं, चावल, कपास, सोयाबीन, मूंगफली में 200 ग्राम प्रति एकड़ और चाय में 100 ग्राम प्रति एकड़ मात्रा उपयोग में लेते है |
इसको पानी के साथ मिला कर पत्तो पर स्प्रे विधि से उपयोग किया जाता है |
मुँह पे मास्क लगाके और हाथो में गल्वस पहन कर दवाई का स्प्रे करना चाहिए, भुखे पेट दवाई का प्रयोग ना करे, हवा से विपरीत दिशा मे कभी भी दवाई खेत मे ना फेके, खेत मे दवाई का प्रयोग करते समय कुछ भी खाना पीना नहीं चाहिए, यहां प्रदान की गई जानकारी केवल संदर्भ के लिए है। संपूर्ण उत्पाद विवरण और उपयोग के लिए निर्देशों के लिए हमेशा उत्पाद लेबल और साथ में लीफलेट देखें।