गन्ना
Short Description:
गन्ना बारहमासी घास है।, मुख्य रूप से इसके रस के लिए खेती की जाती है जिससे चीनी संसाधित होती है। विश्व का अधिकांश गन्ना उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाया जाता है। गन्ना एक सदाबहार फसल है और बांस की जाति की फसल है। यह भारत की प्रमुख फसल है जो कि शक्कर, गुड़ और मिश्री बनाने के काम आती है। गन्ने की फसल का दो तिहाई हिस्सा शक्कर और गुड बनाने और एक तिहाई हिस्सा मिश्री बनाने के काम आता है। गन्ना शराब का सिरका बनाने के लिए कच्चा माल प्रदान करता है। गन्ना सबसे ज्यादा ब्राजील और बाद में भारत, चीन, थाईलैंड, पाक्स्तिान और मैक्सीको में उगाया जाता है। शक्कर बनाने के लिए भारत में सबसे ज्यादा हिस्सा महाराष्ट्र का जो कि 34 प्रतिशत है और दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश आता है।
Climate:
जलवायु
तापमान-20-30 डिग्री सेल्सियस
वर्षा-75-150cm
बुवाई का तापमान-20-25°C
कटाई का तापमान-20-30°C
Soil Type:
रेतीली, दोमट और चिकनी मिट्टी, साथ ही अम्लीय और क्षारीय दोनों प्रकार की मिट्टी। पीएच रेंज 5 से 8.5
अच्छे जल निकास वाली गहरी जमीन जिसमें पानी का स्तर 1.5-2 सैंमी. हो और पानी को बांध के रखने वाली ज़मीन गन्ने की फसल के लिए लाभदायक है। यह फसल लवण और खारेपन को सहन कर लेती है। यदि मिट्टी का पी एच 5 से कम हो तो जमीन में कली डालें और यदि पी एच 9.5 से ज्यादा हो तो जमीन में जिप्सम डालें ।
Soil Treatment:
फास्फेटिका कल्चर 2.5 किग्रा + एजेटोबैक्टर 2.5 किग्रा + ट्राइकोडर्मा पाउडर 2.5 किग्रा मिश्रण 100-120 किग्रा एफ.वाई.एम. और अंतिम जुताई के समय प्रसारण करें।
मिट्टी के उपचार के लिए जीवाणु खाद और रूड़ी का प्रयोग करना चाहिए। इसलिए 5 किलो जीवाणु खाद को 10 लीटर पानी में घोलकर मिश्रण तैयार कर लें। इस मिश्रित घोल को 80-100 किलो रूड़ी में मिलाके घोल तैयार कर लें। इस घोल को मेंड़ पर बीजे गन्ने की गुलियों पर छिड़कें। इसके बाद मेंड़ को मिट्टी से ढक दें।
Seed Treatment:
रोपण के लिए हमेशा रोगमुक्त गुणवत्ता वाले बीजों का प्रयोग करें।
बोने से पहले बीजों को 0.1% कार्बेन्डाजिम (100 ग्राम पानी में 100 लीटर) में 5 मिनट तक उपचारित करें
बीज फसल: नम गर्म वातित चिकित्सा इकाई में 540C पर 1 घंटे के लिए बीज का उपचार करें।
बीज 6-7 महीनों की फसल पर लगाएं जो कि कीड़ों और बीमारियों से रहित हो। बिमारी और कीड़े वाले गन्ने और आंखों को ना चुनें। बीज वाली फसल से बिजाई से एक दिन पहले काटें इससे फसल अच्छा जमाव देती है। गुलियों को कार्बेनडाज़िम 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में भिगो दें। रसायनों के बाद गुलियों को एज़ोस्पिरिलम के साथ उपचार करें। इससे गुलियों को एज़ोस्पिरिलम 800 ग्राम प्रति एकड़ पानी में बिजाई से पहले 15 मिनट के लिए रखें।
Seed Rate:
प्रति एकड़ बीज की आवश्यकता 35-45 क्विंटल होगी।
सिंगल बडेड सेट (12 सेट/मीटर .) : 53,000-53,500 setts /acre
सिंगल बडेड सेट्स (एंड टू एंड)26,500-27,000 setts/acre
तीन कलीदार सेट : 17,500-18,000 setts/acre
गन्ने को 3-4 सैं.मी. की गहराई पर बोयें और इसे मिट्टी से ढक दें।
Time of Sowing:
1. मुख्य मौसम-
i) जल्दी: दिसंबर - जनवरी
ii) मध्य: फरवरी - मार्च
iii) देर से: अप्रैल - मई
2. विशेष ऋतु- जून जुलाई
Method of Sowing:
बिजाई का ढंग
A. बिजाई के लिए सुधरे ढंग जैसे कि गहरी खालियां, मेंड़ बनाकर,पंक्तियों में जोड़े बनाकर और गड्ढा खोदकर बिजाई करें।
1. खालियां और मेंड़ बनाकर सूखी बिजाई:- ट्रैक्टर वाली मेंड़ बनाने वाली मशीन की मदद से मेंड़ और खालियां बनाएं और इन मेड़ और खालियों में बिजाई करें। मेड़ में 90 सैं.मी. का फासला होना चाहिए। गन्ने की गुलियों को मिट्टी में दबाएं और हल्की सिंचाई करें।
2. पंक्तियों के जोड़े बनाकर बिजाई:- खेत में 150 सैं.मी. के फासले पर खालियां बनाएं और उनमें 30-60-90 सैं.मी. के फासले पर बिजाई करें। इस तरीके से मेड़ वाली बिजाई से अधिक पैदावार मिलती है।
3. गड्ढा खोदकर बिजाई: - गड्ढे खोदने वाली मशीन से 60 सैं.मी. व्यास के 30 सैं.मी. गहरे गड्ढे खोदें जिनमें 60 सैं.मी. का फासला हो। इससे गन्ना 2-3 बार उगाया जा सकता है और आम बिजाई से 20-25 प्रतिशत अधिक पैदावार आती है।
B. एक आंख वाले गन्नों की बिजाई :– सेहतमंद गुलियां चुनें और 75-90 सैं.मी. के अंतर पर खालियों में बिजाई करें। गुलियां एक आंख वाली होनी चाहिए। यदि गन्ने के ऊपरले भाग में छोटी डलियां चुनी गई हों तो बिजाई 6-9 सैं.मी. के अंतर पर करें। फसल के अच्छे उगने के लिए आंखों को ऊपर की ओर रखें और हल्की सिंचाई करें।
Fertilizers :
मृदा परीक्षण रिपोर्टर राज्य सरकार के अनुसार उर्वरकों का प्रयोग करें। पौधों की फसल के लिए 60:20:20 किलोग्राम एनपीके/एकड़ और रतून के लिए 90:20:20 किलोग्राम एनपीके/एकड़ की एक कंबल खुराक की सिफारिश या पालन करें।
कुंड में बोने से पहले 50 किलो डीएपी और 33 किलो एमओपी/एकड़ डालें।
साथ ही 50 किलो यूरिया/एकड़ बोने के 45 दिन बाद डालें।
50 किलो यूरिया/एकड़ बोने के 90 दिन बाद डालें और मिट्टी डालें।
Water Requirements :
प्री-मानसून सीजन के दौरान 10 दिनों के अंतराल पर।
मानसून के मौसम में आवश्यकता के अनुसार।
मानसून के बाद के मौसम में 25 दिनों के अंतराल पर।
Harvest Time:
शुरुआती किस्मों को 10 से 11 महीने की उम्र में काटा जाना चाहिए।11 से 12 महीनों में मध्य-मौसम की किस्मेंअधिकतम परिपक्वता पर गन्ने की कटाई करें ,पौधे और रतून दोनों फसलों के लिए गन्ने को जमीनी स्तर पर काटें