पत्तियों के आवरण से पौधे के रस को चूसते हैं, जिससे निचली और फिर ऊपरी पत्तियों का पीला होना जाता है। प्लांटहॉपर्स की उच्च आबादी के कारण पत्तियां शुरू में नारंगी-पीले रंग की हो जाती हैं और बाद में भूरे रंग की जला दी जाती हैं।
ब्राउन प्लांट हॉपर (भूरा फुदका ) कीट का आक्रमण अधिकतम धान रोपाई के 55-60 दिन के बाद दिखाई देता है। इसकी वजह से धान की पत्तियों की ऊपरी सतह पर काले रंग की फफूंदी लग जाती है, जिससे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया ठप हो जाती है और पौधे सूख जाते हैं।
इस रोग का नियंत्रण के लिए थायोमथॉक्जाम 25 डब्ल्यूजी रसायन की 10 ग्राम मात्रा प्रति टंकी की दर से घोल बना कर खेत मे छिड़काव करे। इस रोग का नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SLको 10 मिलीलीटर मात्रा प्रति टंकी की दर से घोल बना कर खेत मे छिड़काव करे।
vegetative stage