लीफ माइनर छोटे कीट के लार्वा होते हैं जो नरम रसीली लीक फसलों की पत्ती की परतों के बीच में दब जाते हैं। वयस्क कीट पत्तियों में अंडे देते हैं और लार्वा बाहर निकलते हैं और पत्ती की सतहों के बीच ऊतकों को खिलाते हैं, जिससे कोई भी सीधा सीधा बिना किसी खोखले मार्ग या "मेरा" का निर्माण होता है।
लीफ माइनर का प्रकोप होने पर पत्तियों पर पीले रंग के धब्बे दिखाई पड़ने लगते हैं| इसके गिडार पत्तियों में अन्दर ही अन्दर हरे भाग को खाते रहते हैं, जिससे पत्तियों पर सफेद धारियॉ सी बन जाती हैं| इसका प्यूपा भूरे लाल रंग का होता है, इससे फसल की काफी हानि हो सकती हैं| मादा कीट छोटे और चमकीले रंग के होते हैं, मुलायम तनों पर अण्डा देती है|
प्रभावित पत्तियों को पौधों से अलग कर के नष्ट करें। इस कीट पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ खेत में 150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात कटर मिला कर छिड़काव करें। प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड मिलाकर छिड़काव करें। यदि आवश्यकता हो तो 15 दिनों बाद दुबारा छिड़काव करें। इसके अलावा फोरेट 10 प्रतिशत सीजी का छिड़काव भी इस कीट पर नियंत्रण के लिए कारगर है। इस कीड़े पर नियंत्रण करने के लिए डाईमैथोएट 30 ई सी 250 मि.ली.या स्पीनोसैड 80 मि.ली.में 200 लीटर पानी या ट्राइज़ोफोस 200 मि.ली.प्रति 200 लीटर पानी की स्प्रे करें।