माहू


Alternate / Local Name:
माहॅू (Maahu)

Short Description:
माहू पंखहीन या पंखयुक्त हल्के स्लेटी या हरे रंग के 1.5-3.0 मिमी. लम्बे चुभने एवम चूसने मुखांग वाले छोटे कीट होते है। इस कीट के शिशु एवम प्रौढ़ पौधों के कोमल तनों, पत्तियों, फूलो एवम नई फलियों से रस चूसकर उसे कमजोर एवम छतिग्रस्त तो करते ही है साथ-साथ रस चूसते समय पत्तियोपेर मधुस्राव भी करते है। इस मधुस्राव पर काले कवक का प्रकोप हो जाता है तथा प्रकाश संश्लेषण की क्रिया बाधित हो जाती है।

माहू कीट हल्के काले रंग और पीले रंग का होता है जो शाम के समय अंधेरे में काफी तेजी से उड़ता है और यह पौधों के नरम हिस्सों जैसे पौधों के ऊतकों को छेद करते हैं और फसल का रस चूसते रहते हैं । पौधों को 50% तक और नुकसान पहुचाता है जिसका प्रभाव पौधों में लंबे समय तक नवम्बर-दिसंबर से लेकर मार्च तक रहता है।

यह पंखहीन अथवा पंखयुक्त हरे रंग के चुभाने एवं चूसने वाले मुखांग वाले छोटे कीट होते है. कीट के शिशु तथा प्रौढ़ पत्तियों तथा बालियों से रस चूसते हैं तथा मधुश्राव भी करते हैं जिससे काले कवक का प्रकोप हो जाता है

माहू से फसल को बचाने के लिए कीट नाशी डाईमेथोएट 30 ई . सी .1 लीटर या मिथाइल ओ डेमेटान 25 ई. सी.1 लीटर या फेंटोथिओन 50 ई . सी .1 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर 700-800 लीटर पानी में घोलकर छिडकाव सायंकाल करना चाहिए।


Affected Time Period: