वाइट ग्रब का प्रकोप मुख्य रूप से किसानो द्वारा पौधे को कच्ची गोबर की खाद देने से होता है | इसका लार्वा पौधे की जड़ो को नुकसान पहुँचता है, जिसके कारणवश पौधा मुर्झा कर कुछ दिनों बाद पौधा मर जाता है | इसका वयस्क रात में मिटटी से बाहर निकलता है तथा पौधे की पत्तियों को खाता है |
इस कीट का लार्वा जड़ों से आहार ग्रहण कर के पौधों को क्षति पहुंचाते हैं। जड़ों के क्षतिग्रस्त होने के कारण पौधों को उचित मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिल पाता है। जिससे पौधे सूखने लगते हैं और कुछ समय बाद नष्ट हो जाते हैं।
क्लोरोपायरीफॉस 20 ईसी की ड्रेंचिंग (तने के चारो तरफ 18 इंच की गोलाई में) मिट्टी पर 1-1.5 लीटर / एकड़ की दर से प्रयोग करे | मोनोक्रोटोफॉस 36 एस एल @ 1.6 मिली लीटर प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें (4:00 से 6:00 बजे शाम के समय में छिड़काव करें )
Vegetative stages