डैम्पिंग ऑफ़


Alternate / Local Name:
आर्द्र गलन रोग या डंपिंग ऑफ

Short Description:
यदि बीजों के अंकुरित होने के बाद पौधे (सीडलिंग) मुरझा रहे हैं या तने से टूटकर नीचे गिर रहे हैं, तो यह डम्पिंग ऑफ डिजीज है। सीडलिंग में डंपिंग ऑफ रोग, मिट्टी से उत्पन्न पायथियम (Pythium) और राइजोक्टोनिया सोलानी (Rhizoctonia solani) जैसे कवकों के कारण फैलता है। यह रोग टमाटर, बैंगन, मिर्च सहित लगभग सभी सब्जियों की सीडलिंग में हो सकता है।
AFFECTED CROPS

Name Image Stages Periods Symptoms
प्याज, मिर्च, टमाटर, बेंगान सीडलिंग नर्सरी / सीडलिंग सीडलिंग के तने का गल जाना रोग से ग्रस्त सीडलिंग की जड़े गलने लगना तनों का पतला होना सीडलिंग के पत्ते मुरझाना रोग बढ़ने पर सीडलिंग के पत्ते पीले पड़ना सीडलिंग का गिर जाना

आर्द्र गलन रोग या डंपिंग ऑफ को समझने से पहले आपको सीडलिंग के बारे में जानना जरूरी है। बीज को लगाने के कुछ दिन बाद निकलने वाले अंकुर को ही सीडलिंग कहा जाता है। सीडलिंग 1 इंच से लेकर 6 इंच लम्बाई तक के अंकुर होते हैं। डंपिंग ऑफ सीडलिंग में ही होने वाला एक मिट्टी जनित कवक रोग है। इस रोग के फैलने से सीडलिंग मुरझाने लगती हैं। कुछ समय बाद मिट्टी की सतह पर तना गल जाता है और सीडलिंग नीचे गिर जाती है। सीडलिंग में यह रोग उसे मिट्टी में ट्रांसप्लांट करने के बाद भी फैल सकता है।

सीडलिंग के तने का गल जाना | रोग से ग्रस्त सीडलिंग की जड़े गलने लगना | तनों का पतला होना | सीडलिंग के पत्ते मुरझाना | रोग बढ़ने पर सीडलिंग के पत्ते पीले पड़ना | सीडलिंग का गिर जाना | मृत सीडलिंग या मिट्टी की सतह पर सफेद फफूंदी दिखाई देना |

बीजों को मिट्टी में बोने के बजाय कोकोपीट या परलाईट, वर्मीकुलाइट में बोयें, क्योंकि डंपिंग ऑफ रोग मिट्टी के कारण ही फैलता है। अंकुर में जरूरत से ज्यादा पानी न दें। जब मिट्टी की सतह सूखी दिखे, तभी पानी दें। पानी सुबह के समय ही दें, ताकि शाम तक मिट्टी की सतह और पौधे सूख जाएं। दोपहर के बाद कभी भी पानी न दें।