बॉलवर्म


Alternate / Local Name:
बॉलवर्म

Short Description:
बॉलवर्म कपास का सबसे बड़ा दुश्मन कीट है. यह कीड़ा अपना पूरा जीवन कपास पर ही पूरा करता है और यह छोटे पौधे से लेकर कली, फूल तक को खाकर उसे नुकसान पहुंचाता है |

बॉलवर्म कीट का लार्वा पुरानी फसल के डंठल में रहता है और नई फसल में अपने जीवन चक्र को पूरा करता है। व्यस्क कीट कपास की बढ़ती फसल में अंडे देता है। जिससे निकले लार्वा केवल कलियों या फूलों को अपना भोजन बनाते हैं। पौधों में कली न निकलने की अवस्था में कीट का लार्वा फसल को बिना नुकसान पहुंचाए ही मर जाते हैं। डोडे क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण भूमि पर गिर जाते है एवं पूर्ण विकसित होने से पूर्व ही खुल जाते हैं और फफूंद की चपेट में आ जाते हैं। लार्वा डोडे में प्रवेश कर छिद्र को ऊपर से रेशमी जाले से ढक देते हैं। जिससे बाहर से फसल की क्षति का अनुमान लगाना कठिन होता है।

कपास में फूल लगने और फूल खिलने के दौरान इस कीट का हमला होता है. संक्रमित फूल, कलियां और छोटे कपाल बॉल नीचे गिर जाते हैं. लार्वा बॉल में घुस कर शाखाओं और बीजों को नुकसान पहुंचाता है |

क्लोरेन्ट्रानिलिप्रोल (18.5%) के साथ लैम्ब्डा-सिहलोथ्रिन 5 % जेडसी की 100 मिलीलीटर मात्रा को 150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से खेत में छिड़कें। डेल्टामेथ्रिन 11% ई.सी. की 200 मिलीलीटर मात्रा को छिड़काव 150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ खेत में छिड़कें। प्रोफेनोफास 40%+साइपरमेथ्रिन 4%EC - 300 ml प्रति एकड़ स्प्रे करें |

Vegetative stages


Affected Time Period:
इस रोग का प्रकोप जुलाई से सितम्बर माह में अधिक होता है |