तना मक्खी


Alternate / Local Name:
तना मक्खी

Short Description:
कीट का वयस्क काला चमकदार, लगभग 2 मि. मि. का होता है। मेगट पत्तियों के मुख्य शिरा में सुरंग बनातें हुये तने में पहुंच जाती हैं।

तना मक्खी पौधे के तने के अंदर देती है अंडे, इससे निकली इल्ली चट करती है पौधे : कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख वैज्ञानिक जेके कन्नौजिया ने बताया कि तना मक्खी सोयाबीन के पौधे के तने के अंदर अंडा रखती है। 5 से 7 दिन में यह इल्ली में बदल जाती है। यह इल्ली पौधे के तने को खाने लगती है और उसकी ग्रोथ रुक जाती है। इसके बाद पौधा पीला पड़ने लगता है और उसके पत्ते भी पीले पड़ जाते हैं। इस तरह से पौधे को यह सुखा देती है।

यह वयस्क मक्खी दलपत्रों या पत्तियों के अंदर अण्डे देती है| अण्डे में से निकलने वाली छोटी सी इल्ली ही इस कीट की नुकसान करने वाली अवस्था है | पत्तियों की शिराओं के माध्यम से यह इल्ली तने में पहुच कर टेढ़ी-मेढ़ी सुरंग बनाकर खाती है | इस प्रकार के प्रकोप से सबसे अधिक हानि अंकुरण के 7-10 दिनों में होती है, जबकि ग्रसित पौधे पूर्णत: सुख जाते हैं |

1. जून माह के प्रथम पखवाड़े में बुवाई न करें । पूर्व की बुवाई में तना मक्खी लगने का खतरा रहता है । 2. थायमिथॉक्सम 30 एफएस @ 10 ग्रा./किलो बीज से बीजोपचार करें तथा बाद में क्लोरएंट्रानिलिप्रोल 18.5 एससी @ 150 मि.ली./हे. का छिड़काव करें ।"


Affected Time Period: