फल छेदक


Alternate / Local Name:
फल छेदक

Short Description:
आमतौर पर टमाटर, मटर,बैंगन, भिंडी आदि फ़सलों पर फल छेदक कीट का ज्यादा संक्रमण होने पर किसानों का आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है। इसलिए इन कीटों का उचित समय पर नियंत्रण करना चाहिए।

कीट की इल्लियां पौधे के कोमल तने में छेद करती हैं। फलस्वरूप तना एवं पौधों का ऊपरी भाग सूखने लगता है। कुछ समय बाद यह कीट फलों में छेद करते हैं और फलों को अंदर से खा कर फसल को हानि पहुंचाते हैं। प्रभावित फलों का आकार टेढ़ा-मेढ़ा हो जाता है। भिंडी के फलों में छेद दिखने लगते हैं। फल छेदक कीट का प्रकोप बढ़ने पर फल एवं फूल विकसित होने से पहले ही झड़ने लगते हैं।

कीट की इल्लियां पौधे के कोमल तने में छेद करती हैं। फलस्वरूप तना एवं पौधों का ऊपरी भाग सूखने लगता है। कुछ समय बाद यह कीट फलों में छेद करते हैं और फलों को अंदर से खा कर फसल को हानि पहुंचाते हैं। प्रभावित फलों का आकार टेढ़ा-मेढ़ा हो जाता है।

फल छेदक कीट पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ खेत में 6 से 8 फेरोमोन ट्रैप लगाएं। इस कीट को फैलने से रोकने के लिए प्रभावित हिस्सों को पौधों से अलग कर के नष्ट कर दें। Fipronil 80% WG-20 ग्राम प्रति एकड़ Flubendiamide 39 की 20 ml मात्रा एकड़।

Cane formation stage


Affected Time Period:
जुलाई से अक्टूबर तक यह रोग पाया जाता है